“कभी बेपनाह बरस पडी...कभी गुम सी है..., यह बारिश भी ,कुछ-कुछ तुम सी है..! ;) ;)
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रस्सी जैसी जिंदगी..
…..तने-तने हालात है…..
एक सिरे पे ख़्वाहिशें…
….दूजे पे औकात है….!!
जख्म तो हम भी अपने दिल में तुमसे गहरे रखते हैं ,
मगर हम जख्मों पे मुस्कुराहटों के पहरे रखते हैं !!!
जिनकी शादी में
‘अजीमोशाह शहंशाह’
वाला गाना बजा था..
अब उनको सुबह सुबह बरमुंडा पहन कर दूध लेने जाते देखता हूँ
तो दिल भर आता हैं".😆😆😆
क़यामत का तो सुना था के कोई किसी का ना होगा,,
मगर अब तो दुनिया में भी ये रिवाज़ आम हो गया है
ज़मीं पर रह कर आसमां को छूने की फितरत है मेरी,
पर गिरा कर किसी को ऊपर उठने का शौक़ नहीं मुझे.
सबसे रोमांटिक जगह मेरे घर की दीवार पे टंगी घड़ी है….
जहाँ दोनों कांटे सारा दिन एक दूसरे के पीछे घूमते रहते
कभी ख़ामोशी बनते हैं
कभी आवाज़ बनते हैं,
हर तन्हाई के साथी,
मेरे जज्बात बनते हैं।
" जिसको मिला हैं समंदर की गहराईयों से मिला हैं…
लाज़वाब मोती किसी को किनारे पर नही मिलते….."👍🏻🙏🏻
पुराने जमाने में
मोबाइल टेक्नोलॉजी के इजाद होने से पहले
छींकों और हिचकियों को मिस कॉल समझा जाता था।?
मेरे नसीब की बारिश कुछ इस तरह से होती रही मुझपे कि ख्वाहिशे सुखती रही और मेरी पलके भीगती रही.
कभी जो थक जाओ तुम दुनिया की महफिलों से
हमें आवाज दे देना, हम अकसर अकेले होते हैं
सबसे रोमांटिक जगह मेरे घर की दीवार पे टंगी घड़ी है….
जहाँ दोनों कांटे सारा दिन एक दूसरे के पीछे घूमते रहते
आज कल वो हमसे डिजिटल नफरत करते हैं,,,
हमें ऑनलाइन देखते ही ऑफलाइन हो जाते हैं
..😜😂
कितना अजीब होता है महफ़िल में बिदाई का आलम !
उठ के वो भी चल देते है, जिनका कोई घर नहीं होता !!
रह गयी जाम में अंगड़ाइयां ले ले के शराब..
हमसे मांगी ना गयी
उनसे पिलाई ना गयी
🌹🌹🌹🌹🌹
मुकद्दर में लिखा के लाये हैं
दर- ब- दर भटकना..
मौसम कोई भी हो
परिंदे परेशान ही रहते हैं..
जिंदगी के किसी मोड़ पर अगर वो लौट भी
आये तो क्या है,
ना लौटेंगे कभी… ☺
मेरे नसीब की बारिश कुछ इस तरह से होती रही मुझपे कि ख्वाहिशे सुखती रही और मेरी पलके भीगती रही.
कर दुवा ये मेरे दिल… सभी के लिए..!!!
के आदमी जी सके… आदमी के लिए..!!
I suppose Hindi is not allowed or translation has to be done in DD, else user will be banned. Please convert to English for all of us to understand.
"@srini1973":https://www.desidime.com/user...45 wrote:
I suppose Hindi is not allowed or translation has to be done in DD, else user will be banned. Please convert to English for all of us to understand.
Sorry dear , I Dont have any option My anglish is week, year, decade.
पीता हूँ जितनी उतनी ही बढ़ती है तिश्नगी,
साक़ी ने जैसे प्यास मिला दी शराब में।।
तुम्ही शर्त ए ताल्लुक़ तय करो हम क्या बताएंगे;
तुम्हारे पास दरिया है हमारे साथ प्यासे है।
वो बर्फ़ का शरीफ टुकड़ा जाम में क्या गिरा…….
धीरे धीरे, खुद-ब-खुद शराब हो गया…….!!!
उल्टी पड़ी है, कश्तियाँ रेत पर मेरी…!
कोई ले गयी है, दिल से समंदर निकाल कर…✍🏻
@Alpha.Barood : Any update on this thread ? Its been a long time.
barish ka season aate hi is thread me halchal shuru ho jati h
Tip tip barsa paani,
Paani me aag lagi😊