दिल तो सबकुछ सह कर भी चुप रहा... ..😥😔
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दिल तो सबकुछ सह कर भी चुप रहा…
कमबख्त,
आँखो ने बयाँ कर दिया रात किस दर्द से गुजरी है….😥😔
@B@R_0_0_D wrote:
Such a lovely song…purani yaadain taza ho gai..suddenly this song took me back 7yrs down the memory lane..
college or marriage ?
@B@R_0_0_D wrote:
college or marriage ?
Nither college nor marriage…it was that time inbetween college n marriage…
@B@R_0_0_D wrote:
@sandeepmmxu @A2Zdeals
college or marriage ?
Interesting…settled in job & just before marriage…
@A2Zdeals wrote:
@B@R_0_0_D wrote:
@sandeepmmxu @A2Zdeals
college or marriage ?Interesting…settled in job & just before marriage…
Nostalgia worth life !
Paani se bhari aankhein le kr mujhe dekhta hi
raha,
Aayne me khada shakhs pareshaan bohot tha
Aansu utha letey hain mere ghamon ka bojh,
Yeh wo dost hai jo ahsan jataya nahi kartey.
Ek humsafar ki talash thi jo mujhe siddhat se
chahe…!
Aakhir ye baat tanhai ne puri kar hi di…!!
Taras gaye hain hum kuch sunne ko lab se
tere,
Pyar ki bat na sahi koi shikayat he kar do.
वो “हाल” ना पूछ सके हमें “बेहाल” देखकर,
हम अपने “हाल” ना बता सके, उनको “खुशहाल” देखकर..!!
मौसमें मिजाज़ गुलज़ार कर गए…,
उफ्फ, वो मुस्कुरा कर कर्जदार कर गए!
-—
अगर बात बन गई तो ग़ज़ल भी हो सकती है…!
उदासियों में भी मुस्करा रहा था मैं !
फ़क़ीरी के भी लुफ़्त उठा रहा था मैं !!
झूठीं हँसी का राज़ जानता था मगर !
बड़े ही अदब से फ़रेब खा रहा था मैं !!
-———-
अब इस से भी बढ़कर गुनाह ए आशिकी क्या होगी….
जब रिहाई का वक्त आया तो पिंजरे से मोहब्बत हो चुकी थी ….
क्या नाम दूँ मैं अपनी मोहब्बत को..
कि ये तेरा सिवा किसी और से होती ही नहीं..!!
चाह कर भी कुछ कर न सके हम;
घर जलता रहा और समुन्दर करीब था।
हज़ार शिकवे कई दिनों की बेरुख़ी
बस इक हँसी, और सब रफ़ा दफ़ा
💐🌹💧💦☔💐💧💦🌹💧💦💐☔
किसी पुरानी धून से
तेरी याद आ जाती है
बारिश की चंद बूंदो से
खिल खिल जाती है
अक्सर ऐसा होता है मेरे साथ
चलता हूँ शाम को अकेला
और तू मेरे साथ हो जाती है
देखता हूँ वोह छोटी सी होटल
वोह टेबल की याद आ जाती है
बैठ जाता हूँ वहाँ अकेला
और तू मेरे साथ हो जाती है
देखता हूँ भीगी भीगी सड़कें
वोह लम्बी डगर याद आ जाती है
चलता हूँ वहा अकेला
और तू मेरे साथ हो जाती है
देखता हूँ वोह कॉलेज का दरवाज़ा
दिल और देहलीज़ की याद आ जाती है
आहिस्ता से खोलता हूँ दरीचा
और तू मेरे सामने नज़र आती है !!
दरीचा = window
!
लोग ग़लतियाँ कर के बदनामी से बच गए..
मैं चंद ख़्वाब देख कर भी गुनाहगार हो गया…????
मुश्किल वक्त दुनिया का सबसे बड़ा जादूगर है ।।
जो एक पल में आपके चाहने वालों के चेहरे से नकाब हटा देता है .✅✅✅✅
सजा ये है कि बंजर जमीन हूँ मैं
और….
जुल्म ये है कि बारिशों से इश्क़ हो गया…..
ये इश्क मोहब्बत की रिवायत भी अजीब है ,,,जिसे कभी पाया ही नहीं ,
उसे खोना नहीं चाहते
“सोचा था हर मोड़ पे “याद” करेंगे
आपको,
.
.
.
पर कमबख्त पूरी सड़क
सीधी थी,
कोई मोड़ ही नहीं आया."
😳😂😄😁
साँसों की तरह..
तुम भी शामिल हो मुझमें।
रहते भी साथ हो,
और ठहरते भी नहीं।।
साहिल पे बैठे यूँ सोचते है आज
कौन ज्यादा मजबूर है
ये किनारा जो चल नहीं सकता
या वो लहर जो ठहर नहीं सकती…..
-—
उम्र भर उठाया बोझ उस कील ने …
और लोग तारीफ़ तस्वीर की करते रहे .
मुद्दा ये नही की दाल महँगी है,
दर्द ये है की गल नही रही…..😉
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काँटों का तो नाम ही
बदनाम है…
चुभती तो निगाहें भी है…
और…..
काटती तो जुबान भी है…….
💢. एक पति द्वारा की गई अब तक की सबसे रोमांटिक तारीफ ……
तेरी जुल्फों ने हर तरफ हंगामा मचा रखा है,
कभी दाल में, कभी सब्जी मे, कभी रोटी में कब्ज़ा जमा रखा है।🌹🌹💞🌹💐
ए धड़कनो रुको ज़रा कुछ साँसे गिन लूँ
बिताई उन संग उन्हें पलकोंसे चुन लूँ
ख्वाब बैठे है सज धजकर दरीचों पर
आहिस्ता से पलकों में बून लूँ !!!!
आसिम !!!
दरीचा = window
🌹💐💞💐🌹
एक आदमी ने मुझसे पूछा …. भाई साहब जूते कंहा
मिलेंगे..?
मैंने कहा….हर जगह मिल सकते हैं ।
बस आप में वो गुण होने
चाहिए😂😜😝😜😝
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उस कबूतर ने
तुम्हारी
खिड़की पर
घोंसला नहीं बनाया है,
साहब….
दरअसल
तुम्हारी इमारत जहाँ है
वहाँ कभी
उसका पेड़ था !
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एक काका रेल्वे-स्टेशन क्रॉस करते करते अचानक रेल्वे पटरी के बीच दोडने लागे… 🏃
किसीने पुछा : काका क्या कर रहे हो?
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•हट जाओ आज तुम्हारा काका Subway Surfer खेलेगा..
😂😂😂😂😂😂😂😂😂
Looks Like @B@R_0_0_D Bhai Ka Dil Tut Gya Hai xD
दिल बहलाने के लिये ही गुफ्तुगू कर लिया करो
जनाब..!
मालूम तो मुझे भी है के हम आपको अच्छे
नही लगते…!!
सुरज ढलते ही जनाब ने रख दिये मेरे होंठों पर अपने होंठ…
इश्क का रोजा था… गज़ब की इफ्तारी थी…
तितलियों से ज़्यादा नाज़ुक
शबनम से ज़्यादा नम
घिर आये काली घटायें
गर लहरावो ज़ुल्फ़ों के खम
उठाना पलकें आहिस्ता से
भूल जाए दुनिया के ग़म
होंठो पे हलकी मुस्कराहट
मत बनो इतने बेरहम
बिजलियों सी बलखाती चाल
खनकती पाज़ेब पर हो रहम
इशारों से मत करो बातें
क्या समझे इश्क़ या वहम
लिखा हथेलियों पर नाम
तक़दीर ढूंढते रहे हम
बिन कहे चले गए ऐसे
मौसम कहे या बेवफा सनम !!!
आसिम !!
खम = Curls
पाज़ेब = jhanzar .
💧💦⛈🌧💧💦⛈🌧💧💦⛈🌧💧
अजब मुकाम पर, ठहरा हुआ है,,, काफिला दिल का,,,
सुकून ढूँढने निकले थे,,, नींदे भी गँवा बैठे,,,!!!
चलकर देखा है अक्सर, मैंने अपनी चाल से तेज…..
पर वक्त, और तकदीर से आगे, कभी निकल न सका….
न जाने कितनी ही अनकही बातें साथ ले जाएगें ,
लोग झूठ कहते रहते हैं कि खाली हाथ आए थे और खाली हाथ जाएगें ….😔🌹
कौन सी शाम की बात लिखू
हुई थी या नहीं वोह मुलाक़ात लिखू
ढलते हुए शाम के साये में
उभरते हुए जज़्बात लिखू
अँधेरे खड़े थे लेकर रातों का सहारा
लड़खड़ाते कदमो से कैसे लिखू
बंध थे सारे मयखाने के दरवाज़े
लरज़ते हाथो से कैसे फ़रियाद लिखू
अदब से खड़े थे अलफ़ाज़ खयालो के पीछे
कौन सा ख्याल छुपाऊ और कौन सा लिखू
अक्सर कलम की जगह ले लेती है शमशीर
जब जब हथेलियों पर तेरा नाम लिखू
हुस्न बेपर्दा भी देखा है मैंने
चमक उसके नूर की कैसे में लिखू
हसीन थी घड़ियाँ और मजबूर थे लम्हे
एक ही पन्नें पर दोनों कैसे लिखू !
🌹 🌺 📝 🌺 🌹
तेरी “मुस्कुराहटों” पर वक़्त
थम सा जाता है
लोग झूठ कहते हैं कि…वक़्त
किसी का गुलाम नहीं होता"…!!
“तू नाराज न रहा कर तुझे वास्ता है खुदा का…!!!
एक तेरा ही चेहरा खुश देख कर तो हम अपना गम भूलतें हैं….!!!!”
बेवफ़ाओं की महफ़िल लगेगी ,
आज ज़रा वक़्त पर आना
” मेहमान-ए-ख़ास ” हो तुम… !!
@B@R_0_0_D wrote:
what is this in thread
@B@R_0_0_D Post more
kaise karu me khud ko tere pyaar ke kabil….
jab hum apni addat badlte he to tum apni sharat badalte ho …..