लोग भी बड़े अजीब होते है, गलत साबित होने से पहले माफ़ी नहीं मांगते, बल्कि तालुक तोड़ देते है…
“कभी बेपनाह बरस पडी...कभी गुम सी है..., यह बारिश भी ,कुछ-कुछ तुम सी है..! ;) ;)
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KaBhi 😎#पसंद Na आये #dosti 👬 #हमारी tO Bta dena….!!😞
#वादा krta hu #इतनी_Zør se #थप्पड़ 👋 MaRunga Sab #अच्छा Lag Ne lagega…….😝😂
मै 👨फिर याद 😭आऊंगा उस👆 दिन📝 जब तेरे ही बच्चे👶 कहेंगे-मम्मी 👩आपने कभी किसी 👤से प्यार 👫किया ???
चूक जाये वो वार कैसा…जीत कर हार जाये वो खिलाडी कैसा …और अपनी बात लोगो तक ना पहुँचा सके वो शायर कैसा
ताश में जोकर 😛 ओर चाहत 😘 की ठोकर, अकसर बाजी घूमा देते हैं 😎😎😎
अपनी मर्जी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं रुख़ हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं
लोग बदलते नहीं है जनाब !!! ” बेनक़ाब ” होते हैं।
दो चार नहीं…मुझे सिर्फ एक दिखा दो…😐 वो शख्स…जो अन्दर भी बाहर जैसा हो… !😏😏
निगाहों में मंज़िल थी… गिरे और गिर कर संभलते रहे… हवाओं ने तो बहुत कोशिश की… मगर चिराग आँधियों में भी जलते रहे😇😇
जलो वहाँ जहाँ जरूरत हो ….. उजालों में चिरागों के कोई मायने नहीं होते।
चेहरे 👩पर जो अपने दोहरी नकाब रखता हैं, खुदा उसकी चलाकियों का हिसाब रखता हैं
एक बाज़ू उखड़ गया जब से और ज़्यादा वज़न उठाता हूं
गुनहगारों की आँखों में झूठे ग़ुरूर होते हैं, 👿👿 यहाँ शर्मिन्दा तो सिर्फ़ बेक़सूर होते हैं..!😫😫
अब कहां दुआओं में वो बरक्कतें,…वो नसीहतें …वो हिदायतें, अब तो बस जरूरतों का जलूस हैं …मतलबों के सलाम हैं
कई फ़ाक़े बिताकर मर गया जो उसके बारे में वो सब कहते हैं अब ऐसा नहीं ऐसा हुआ होगा
ये दुनिया अक्सर उन्हें सस्ते में लूट लेती है, खुद की क़ीमत का जिन्हें अंदाजा नहीं होता !!
कुछ मीठी सी ठंडक है आज इन हवाओं में, शायद दोस्तो की यादों का कमरा खुला रह गया है…!😍❤✨💫🍫🌹
फलक की भी जिद है जहाँ बिजली गिराने की , हमारी भी जिद है वहीं आशियां बनाने की . . . ! !
एक आँसू के बराबर जिसकी क़ीमत नहीं थी,
उस पर हमारी आँखों ने हज़ारों लूटा दिए…!!
बस इतना ही चाहिये तुजसे ऐ जिंदगी … कि जम़ीन पर बैठूँ तो लोग उसे मेरा बडप्पन कहें, औकात नहीं …..
वो मुतमइन हैं कि पत्थर पिघल नहीं सकता मैं बेक़रार हूं आवाज़ में असर के लिए
मैं हिंदी बोलता हूँ, इसलिए आप “आप” हैं, वरना कब के “you” हो गए होते..
एक खंडहर के हृदय सी एक जंगली फूल सी आदमी की पीर गूंगी ही सही गाती तो है
न जाने इतनी मोहब्बत कहाँ से आ गयी उस अजनबी के लिए..!! की मेरा दिल भी उसकी खातिर अक्सर मुझसे रूठ जाया करता हे ..!!
अकल आयी थी मशवरा देने , मोहब्बत ने मुस्करा कर टाल दिया।
तयशुदा मुलाक़ातों में वो बात नहीं बनती…… क्या ख़ूब था राहों में अचानक सामने से आना तेरा…..
कहीं पे धूप की चादर बिछा के बैठ गए कहीं पे शाम सिरहाने लगा के बैठ गए
कुछ लोग इतने ढीठ होते हैं कि जितना मर्जी उनको भाड़ में भेज दो वापिस आ ही जाते हैं।
ये सोचकर कि दरख़्तों में छांव होती है यहां बबूल के साये में आ के बैठ गए
ज़ुल्म सह कर जो उफ़ नहीं करते उनके दिल भी अज़ीब होते हैं
@Alpha.Barood : Any update on this thread ? Its been a long time.
barish ka season aate hi is thread me halchal shuru ho jati h
Tip tip barsa paani,
Paani me aag lagi😊