“कभी बेपनाह बरस पडी...कभी गुम सी है..., यह बारिश भी ,कुछ-कुछ तुम सी है..! ;) ;)
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बाबूमोशाय, ज़िंदगी और मौत उपरवाले के हाथ है जहाँपनाह। उससे न तो आप बदल सकते हैं न मैं। हम सब तो रंगमंच की कटपुतलियां हैं, जिन्की दो उपरवाले की अनग्लियों में बंधी हैं। कब, कौन, कैसे उठाए ये कोई नहीं बता सकता है।
Socrates mara nahi, Socrates marte nahi
ज़िन्दगी भी कितनी अजीब है.. मुस्कुराओ तो लोग जलते है, तन्हा रहो तो सवाल करते है…
पाँव सूखे हुए पत्तों पर अदब से रखना धूप में माँगी थी तुमने पनाह इनसे कभी
कमाल करता है, ऐ दिल ❤ तू भी… उसे फुरसत नहीं और तुझे चैन नहीं..!!
उम्र भर उठाया बोझ उस कील ने.. और लोग तारीफ़ तस्वीर की करते रहे…
लोगों ने बढ़ा दी हैं इधर ज़िम्मेदारियाँ हम पहले इक चिराग थे, अब आफ़ताब हैं
उड़ा भी दो रंजिशें, इन हवाओं में यारो…. छोटी सी जिंदगी हे, नफ़रत कब तक करोगे !
रिश्ते चाहे कितने भी बुरे हो लेकिन कभी भी उन्हें मत तोड़ना क्योंकि पानी चाहे कितना भी गंदा हो, प्यास नहीं तो आग तो बुझा ही देता है।
कोई सुलह करा दे जिदंगी की उलझनों 😌 से…बड़ी तलब लगी है आज मुस्कुराने 😊 की 😊😊
बिकती है ना ख़ुशी कहीं, ना कहीं गम बिकता है. लोग गलतफहमी में हैं, कि शायद कहीं मरहम बिकता है..
आसमान में घनघोर घटायें छायीं है, दिल की बात जुबान पर फिर से आयी है
शहर में सब ही मानते हैं हमें कैसे – कैसे मुग़ालते हैं हमें
लोग मुझसे पूछते है…. क्या लेकर आये थे क्या लेकर जाओगे? … मैं कहता हूँ एक दिल लेकर आया था .. लाखों दिलों में जगह बनाकर जाऊंगा।
🙇मैंने अपने आप को हमेशा बादशाह समझा…पर 👸 तुझे खुदा से माँगा अकसर फकीरों की तरह 😎
सुना है कि मौत से पहले एक और मौत होती है और उसे प्यार से लोग मोहब्बत कहते हैं
एक Station 🚧🚦 जैसी है जिन्दगी मेरी, 😌 यहाँ लोग 👫 तो बहुत है ☝ पर अपना कोई 😌 नहीं ।। 😌
परिन्दे भी नहीं रहते पराए आशियानों में हमारी उम्र गुज़री है किराए के मकानों में
जब ख्वाबों 😌 के रास्ते ☝ ज़रूरतों 😌 की ओर मुड़ जाते ☝ हैं,तब असल ज़िन्दगी 😌 के मायने ☝ समझ में आते हैं ।। 😌😌
आँसू निकल पडे ख्वाब मे उसको दूर जाते देखकर, आँख खुली तो एहसास हुआ इश्क सोते हुए भी रुलाता है
ना जाने कैसे इम्तेहान ले रही है जिदगी, आजकल, मुक्दर, मोहब्बत और दोस्त तीनो नाराज रहते है
मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूँढ लेती है,बड़ी शातिर है दुनिया मजा लेने का बहाना ढ़ूँढ लेती है
फिर यूँ हुआ, किसी ने बिठाया न पास में पैबन्द लग चुके थे हमारे लिबास में
कुछ इस तरह मैंने ज़िन्दगी को आसान बना दिया ” किसी से माफ़ी मांग ली ” ” किसी को माफ़ कर दिया ”
आ गया वह फिर खिलौने बेचने सारे बच्चों को रुलाकर जायेगा
पत्थर को लोग इसलिए पूजते हैं क्योंकि विश्वास करने लायक इंसान नहीं मिलता।
@Magus wrote:
How dare you guys try to become like Barood!
bt please control raj bro
bs kr pagle ab rulayega kya
12 baj gaye, closing with my original -
नींदें आराम भरी… ख्वाब फिर भी कितने खाली.. #शब्बाखेर
@abhimishra wrote:
@Magus wrote:
How dare you guys try to become like Barood!
sorry
bt please control raj bro
Sorry, I had lost hope on that idiot long ago. Let’s see if his mentor @DealSeeker can do it.
@abhimishra wrote:
@Magus wrote:
How dare you guys try to become like Barood!
sorry
bt please control raj bro
2000 के गिफ़्र वाउचर दांव पर था भाई। कण्ट्रोल ही नै होंदा।
@marketdimer wrote:
@abhimishra wrote:
@Magus wrote:
How dare you guys try to become like Barood!
sorry
bt please control raj bro
2000 के गिफ़्र वाउचर दांव पर था भाई। कण्ट्रोल ही नै होंदा।
Exclusive contest among you three?
@Alpha.Barood : Any update on this thread ? Its been a long time.
barish ka season aate hi is thread me halchal shuru ho jati h
Tip tip barsa paani,
Paani me aag lagi😊